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को भारत मां हिन्दीकविता hindikavita क्या खोया क्या पाया पाया बहोत कुछ और खोया भी बहोत अपना था वे मिला और जो अपना था ही नही वे ना मिल पाया आत्मविश्वास दूरियां hindiakvita सोच न था जो कभी था... ताला उदास था उसको रंगना

Hindi पाया था Poems